Sunday, September 28, 2014

Painting of Maa Chandraghanta



भगवती दुर्गा अपने तीसरे स्वरूप में चन्द्रघण्टा नाम से जानी जाती हैं। नवरात्र के तीसरे दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन किया जाता है। इनका रूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। इनके मस्तक में घंटे के आकार का अर्धचन्द्र है। इसी कारण से इन्हें चन्द्रघंटा देवी कहा जाता है। इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला हैं। इनके दस हाथ हैं। इनके दसों हाथों में खड्ग, बाण अस्त्र – शस्त्र आदि विभूषित हैं। इनका वाहन सिंह है। इनकी मुद्रा युद्ध के लिए उद्यत रहने की होती है। इनके घंटे सी भयानक चण्ड ध्वनि से अत्याचारी दानव-दैत्य-राक्षस सदैव प्रकम्पित रहते हैं। नवरात्रे के दुर्गा-उपासना में तीसरे दिन की पूजा का अत्याधिक महत्व है। 

मां का यह रूप पाप-ताप एवं समस्त विघ्न बाधाओं से मुक्ति प्रदान करता है और परम शांति दायक एवं कल्याणकारी है। मां सिंह पर सवार होकर मानो युद्ध के लिए उद्यत दिखती हैं। मां की घंटे की तरह प्रचण्ड ध्वनि से असुर सदैव भयभीत रहते हैं। तीसरे दिन की पूजा अर्चना में मां चंद्रघंटा का स्मरण करते हुए साधकजन अपना मन मणिपुर चक्र में स्थित करते हैं। प्रेत बाधा आदि समस्याओं से भी मां साधक की रक्षा करती हैं। 

नवरात्र का तीसरा दिन भगवती चंद्रघण्टा की आराधना का दिन है। श्रद्धालु भक्त व साधक अनेक प्रकार से भगवती की अनुकंपा प्राप्त करने के लिए व्रत-अनुष्ठान व साधना करते हैं। कुंडलिनी जागरण के साधक इस दिन मणिपुर चक्र को जाग्रत करने की साधना करते हैं।  
English

Maa Chandraghanta is the third manifestation of Devi Durga and is worshipped on the 3rd of Navratri. Since she has a Chandra or half moon, in the shape of a Ghanta (bell), on her forehead, she is addressed as Chandraghanta. Maa Chandraghanta has three eyes and ten hands holding ten types of swords, weapons and arrows. She establishes justice and gives Her devotees the courage and strength to fight challenges.

Her appearance may be of a source of power. Maa also helps her devotee in attending spiritual enlightenment. She gives us the strength the keep the negative energy away and repels all the troubles from our life.

We should need to follow simple rituals to worship Goddess Chandraghanta. We should first worship all the Gods, Goddesses and Planets in the Kalash and then offer prayer to Lord Ganesha and Kartikeya and Goddess Saraswati, Lakshmi, Vijaya, Jaya – the family members of Goddess Durga.

Mantra

पिण्डज प्रवरारुढ़ा चण्डकोपास्त्र कैर्युता |
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्र घंष्टेति विश्रुता ||

कवच 

रहस्यं श्रणु वक्ष्यामि शैवेशी कमलानने।
श्री चन्द्रघण्टास्य कवचं सर्वसिद्धि दायकम्॥
बिना न्यासं बिना विनियोगं बिना शापोद्धारं बिना होमं।
स्नान शौचादिकं नास्ति श्रद्धामात्रेण सिद्धिकम॥
कुशिष्याम कुटिलाय वंचकाय निन्दकाय च।
न दातव्यं न दातव्यं न दातव्यं कदाचितम्॥

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