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Saturday, December 29, 2012

Painting of Shree Krishna


तब से लगा हूँ मैं इन्तिज़ार में तेरे
जब से ये सांसें उपहार में पायी है
आ ही जाना हे कन्हैया मुरली धरे होठों पर
जब होनी इस शरीर और दुनिया से रुसवाई हो (ब्रिजेश)
श्री कृष्णः शरणम ममः !!!

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