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Saturday, December 29, 2012

Painting of Shree Krishna


ओ कान्हा, अब तोह मुरली की, मधुर सुना दो तान, जबसे तुम संग मैंने अपने, नैना जोड़ लिए है, क्या मैया क्या बाबुल सबसे, रिश्ते तोड़ लिए है.
तेरे मिलन को, व्याकुल है ये, कबसे मेरे प्राण. मधुर सुना दो तान

Painting of Shree Krishna


तब से लगा हूँ मैं इन्तिज़ार में तेरे
जब से ये सांसें उपहार में पायी है
आ ही जाना हे कन्हैया मुरली धरे होठों पर
जब होनी इस शरीर और दुनिया से रुसवाई हो (ब्रिजेश)
श्री कृष्णः शरणम ममः !!!

Statue of Shree Siddhivinayak Ganapati









गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि ।
गुणशरीराय गुणमण्डिताय गुणेशानाय धीमहि ।
एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि ।
गजेशानाय भालचन्द्राय श्रीगणेशाय धीमहि ॥

Sunday, December 23, 2012

Monday, December 17, 2012